इटली का एकीकरण - Unification of Italy in Hindi

एकीकरण के पूर्व इटली एक 'भौगोलिक अभिव्यक्ति” मात्र था. वह अनेक छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित था. राज्यों में मतभेद था और सभी अपने स्वार्थ में लिप्त थे. एकीकरण (Unification) के मार्ग में अनेक बाधाएँ थीं. लेकिन इटली (Italy) के कुछ प्रगतिवादी लोगों ने एकता की दिशा में कदम उठाया. इटली के एकीकरण (Unification of Italy) में आर्थिक तत्त्वों की भूमिका महत्त्वपूर्ण थी. इटली के एकीकरण में सबसे अधिक योगदान रेलवे के विकास था. इटली में राष्ट्रीय आन्दोलन चलाने के लिए अनेक गुप्त समितियों का संगठन किया गया. इन गुप्त समितियों में कार्बोनरी प्रमुख था. इसके नेतृत्व में 1831 ई. तक इटली का एकता-आन्दोलन चलता रहा. मेजिनी (Giuseppe Mazzini) को इटली के राष्ट्रीय आन्दोलन का पैगम्बर कहा जाता है. उसने 'युवा इटली” नामक संस्था की स्थापना की. इसके सदस्यों ने मजदूरों और गाँवों तथा नगरों के लोगों के बीच चेतना फैलायी. 1848 ई. की क्रांति का प्रभाव भी इटली पर पड़ा था. काबूर (Camillo Benso, Count of Cavour) और गैरीबाल्डी (Giuseppe Garibaldi) ने भी इटली के राष्ट्रीय एकीकरण (Unification of Italy) में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था. 1871 ई. में इटली का एकीकरण पूरा हुआ.

19वीं सदी के पूर्वार्द्ध में इटली अनेक भागों में विभाजित था. वह यूरोपीय शक्तियों के संघर्ष का अखाड़ा बना हुआ था. फ्रांस की क्रांति  का प्रभाव इटली पर भी पड़ा था. इटली के निवासियों में राष्ट्रीय भावना जाग चुकी थी. इटली ऑस्ट्रिया के प्रभाव में था. ऑस्ट्रिया का प्रधानमंत्री मेटरनिख (Metternich) और पोप का शक्तिशाली राज्य इटली के एकीकरण के मार्ग में बाधक थे. 1848 ई. की घटनाओं के फलस्वरूप इटली का एकीकरण आन्दोलन ने एक नया मोड़ ले लिया. इटली का एकीकरण (Unification of Italy) चार चरणों में हुआ -

इटली के एकीकरण का प्रथम चरण (The first phase of the Italian unification)

1848 ई. के बाद पिडमांट-सार्डिनिया (Piedmont-Sardinia) का राज्य इटली के एकीकरण (Unification of Italy) आन्दोलन से सम्बंधित गतिविधियों का केंद्र बन गया. काउंट वहाँ का प्रधानमंत्री बना. उसने अपने आंतरिक सुधारों द्वारा पिडमांट राज्य की शक्ति बढ़ाई. उसने क्रीमिया के युद्ध में मित्रराष्ट्रों की सहायता की और पिडमांट-सार्डिनिया (Piedmont-Sardinia) के राज्य को बड़े राज्यों की पंक्ति में ला खड़ा किया. मित्रराष्ट्रों ने कबूर को एकीकरण आन्दोलन में मदद देने का आश्वासन दिया. कबूर (Count of Cavour)और नेपोलियन तृतीय (Napoleon III) के बीच प्लाम्बियर्स की संधि (Plombières Agreement) हुई.काबूर ने ऑस्ट्रिया के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी. ऑस्ट्रिया युद्ध में पराजित हुआ. लोम्बार्डी को पिडमाउंट-सार्डिनिया राज्य में मिला लिया गया.

इटली के एकीकरण का द्वितीय चरण (Phase II of Italy's unification)

जिस समय ऑस्ट्रिया के विरुद्ध पिडमांट-सार्डिनिया (Piedmont-Sardinia) सेना लड़ रही थी, उस समय मध्य इटली की जनता ने विद्रोह कर दिया. पारमा, मोडेना और टस्कनी के शासकों को देश छोड़कर भागना पड़ा. इन राज्यों को जनमत-संग्रह द्वारा सार्डिनिया में मिला लिया गया.

इटली के एकीकरण का तृतीय चरण (The third stage of the Italian Unification)

इटली के एकीकरण (Unification of Italy) के तृतीय चरण में गैराबाल्डी का नाम लिया जाता है. 1860 ई. में उसने सिसली और नेपुल्स पर अधिकार कर लिया. विक्टर एमैन्युएल ने पोप के राज्य के दो भागों पर अधिकार कर लिया. गैरीबाल्डी ने उसका विरोध नहीं किया. नेपुल्स का शासन भी उसे सौंप दिया. वहाँ की जनता ने भी बहुमत से इटली के राज्य में शामिल होने की इच्छा प्रकट की.

इटली के एकीकरण का चतुर्थ चरण (Phase IV of the Italian Unification)

रोम और वेनेशिया इटली से बाहर थे. 1860 ई. में वेनेशिया पर अधिकार हो गया. 1870 ई. में रोम पर अधिकार कर लिया गया. 1871 ई. में रोम स्वतंत्र हुआ और संयुक्त इटली की राजधानी बनाया गया. इस प्रकार इटली का एकीकरण (Unification of Italy) पूरा हुआ.

इटली के एकीकरण में Camillo Benso, Count of Cavour का योगदान (Contribution of Camillo Benso, Count of Cavour in unification of Italy)

इटली के राजनीतिक मंच पर Camillo Benso, Count of Cavour के पदार्पण से एकीकरण आन्दोलन में एक नया मोड़ आया. इटली को ऑस्ट्रिया की अधीनता से मुक्त करना काउंट कबूर की नीति थी. वह इटली के एकीकरण (Unification of Italy) को पिडमांट-सार्डिनिया (Piedmont-Sardinia) के नेतृत्व में पूरा करना चाहता था. उसने अपनी कूटनीति से इटली के प्रश्न को यूरोपीय अभिरुचि का प्रश्न बना दिया. उसका विश्वास था कि ऑस्ट्रिया के प्रभाव को समाप्त करने के लिए इटली को किसी यूरोपीय शक्ति से मित्रता करनी होगी. उस समय फ्रांस ने ऑस्ट्रिया के विरुद्ध इटली को सैनिक सहायता देने का वचन दिया. शीघ्र ही इटली और ऑस्ट्रिया के बीच युद्ध प्रारंभ हो गया. प्रारंभ में पिडमांट और फ्रांस की विजय हुई. इटली में क्रांति की लहर चल पड़ी. टस्कनी, मोडेना और पारमा की जनता ने अपने शासकों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया. इस समय नेपोलियन तृतीय ने ऑस्ट्रिया से विराम संधि कर ली. ऑस्ट्रिया-सार्डिनिया युद्ध (Austrian Sardinia War) का एक महत्त्वपूर्ण परिणाम यह हुआ कि इससे इटली के एकीकरण (Unification of Italy) आन्दोलन को बल मिला. युद्ध-काल में ही मध्य इटली के राज्यों में राष्ट्रीयता की भावना प्रबल हो चुकी थी. टस्कनी, पार्मा और मोडेना की जनता ने विद्रोह कर दिया और वहाँ के राजाओं को देश छोड़कर भागना पड़ा. इन राज्यों ने सार्डिनीया के साथ मिलने का निर्णय लिया.

इटली के एकीकरण में गैरीबाल्डी/Giuseppe Garibaldi का योगदान (Contribution of Garibaldi / Giuseppe Garibaldi in the unification of Italy)

काउंट कबूर (Count of Cavour) के प्रयत्नों के फलस्वरूप संयुक्त इटली के लिए आधार तैयार हो चुका था. लेकिन अभी उसका एकीकरण पूरा नहीं हुआ था. अभी नेपुल्स, सिसली, वेनेशिया और रोम पर अधिकार करना बाकी था. मई, 1860 ई. में गैरीबाल्डी ने सिसली पर आक्रमण कर दिया.  नेपुल्स और सिसली को जीतने के बाद उसने रोम को जीतने की योजना बनाई. 18 फरवरी, 1861 ई. में सार्डिनिया की राजधानी में नवीन संसद का उद्घाटन हुआ. इसमें रोम और वेनेशिया को छोड़कर शेष सभी राज्यों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए थे. 1866 ई. में वेनेशिया पर आक्रमण हुआ और वेनेशिया को इटली के राज्य में मिला लिया गया. 20 सितम्बर, 1871 ई. को रोम पर अधिकार कर लिया गया. रोम को स्वतंत्र इटली की राजधानी घोषित किया गया.

इटली के एकीकरण में मेजिनी/Giuseppe Mazzini का योगदान (
Contribution of Mazzini / Giuseppe Mazzini in the unification of Italy)

इटली के एकीकरण आन्दोलन के पैगम्बर मेजिनी का प्रादुर्भाव उस समय हुआ जब वहाँ राष्ट्रीय एकता के सारे प्रयास विफल हो चुके थे. मेजिनी का करूण हृदय देश की दुर्दशा पर विलाप कर रहा था. वह अपने देशवासियों को अत्याचारी, निरंकुश शासकों के चंगुल से मुक्त करना चाहता था. वह अपने देशवासियों को अत्याचारी, निरंकुश शासकों के चंगुल से मुक्त करना चाहता था. वह इटली में गणतंत्र की स्थापना करना चाहता था. एकता और स्वाधीनता नके लिए उसने युवा इटली (Young Italy) की नामक संस्था की स्थापना की.

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